5 Key Pregnancy Exercises Recommended by Experts in Bihar.

5 Key Pregnancy Exercises Recommended by Experts in Bihar.

प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज़ करना न सिर्फ माँ बल्कि बच्चे के लिए भी फायदेमंद होता है। सही वर्कआउट से डिलीवरी आसान होती है, कमर दर्द कम होता है और मानसिक तनाव भी दूर रहता है। लेकिन कौन-सी एक्सरसाइज़ करें और क्या न करें? बिहार की जानी-मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. कुमारी शिल्पा (मातृका हेरिटेज हॉस्पिटल, दरभंगा) से जानिए 5 बेस्ट प्रेग्नेंसी एक्सरसाइज़ जो हर माँ को करनी चाहिए।


1️⃣ वॉकिंग (Walking) – सबसे आसान और असरदार

🚶‍♀️ प्रेग्नेंसी में रोज़ 30-40 मिनट हल्की वॉक करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, सूजन कम होती है और मूड अच्छा रहता है।

🔹 क्या ध्यान रखें?
✅ आरामदायक जूते पहनें।
✅ बहुत ज्यादा तेज़ न चलें, धीरे-धीरे कदम बढ़ाएँ।
✅ बहुत देर तक एक जगह न खड़े रहें।


2️⃣ प्रेग्नेंसी योगा (Prenatal Yoga) – शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद

🧘‍♀️ प्रेग्नेंसी योगा से फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है, डिलीवरी आसान होती है और बैकपेन कम होता है।

🔹 सर्वश्रेष्ठ योगासन:
✔️ बद्धकोणासन (Butterfly Pose) – कमर और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
✔️ मार्जरी आसन (Cat-Cow Stretch) – बैकपेन और हिप्स स्ट्रेस कम करता है।
✔️ वृक्षासन (Tree Pose) – बैलेंस और फोकस बढ़ाता है।

🔹 क्या ध्यान रखें?
✅ योग ट्रेनर या डॉक्टर की गाइडेंस में करें।
✅ ज़्यादा स्ट्रेचिंग से बचें।
✅ बहुत देर तक एक ही पोज़ में न रहें।


3️⃣ केगेल एक्सरसाइज़ (Kegel Exercise) – पेल्विक मसल्स को मजबूत बनाए

💪 केगेल एक्सरसाइज़ से पेल्विक फ्लोर मसल्स मजबूत होती हैं, जिससे नॉर्मल डिलीवरी आसान होती है और डिलीवरी के बाद रिकवरी तेज़ होती है।

🔹 कैसे करें?
1️⃣ ऐसे बैठें या लेटें कि आप आराम महसूस करें।
2️⃣ पेल्विक मसल्स (जो यूरिन रोकने में मदद करती हैं) को 5-10 सेकेंड तक टाइट करें।
3️⃣ धीरे-धीरे छोड़ें और इसे 10-15 बार दोहराएँ।

🔹 क्या ध्यान रखें?
✅ इसे किसी भी समय किया जा सकता है।
✅ शुरुआत में 5 सेकेंड तक होल्ड करें, फिर धीरे-धीरे बढ़ाएँ।


4️⃣ लेग और हिप स्ट्रेचिंग – पैरों और पीठ के दर्द से राहत

🦵 प्रेग्नेंसी में शरीर भारी होने की वजह से हिप्स और पैरों में दर्द होता है, जिसे स्ट्रेचिंग से कम किया जा सकता है।

🔹 बेस्ट स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़:
✔️ वॉल पुश स्ट्रेच – बैक और हिप्स को स्ट्रेच करने के लिए।
✔️ साइड लेग रेज़ – पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए।
✔️ सीटेड हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच – पीठ दर्द से राहत देने के लिए।

🔹 क्या ध्यान रखें?
✅ धीरे-धीरे स्ट्रेच करें, झटके से न करें।
✅ बहुत ज्यादा झुकने से बचें।


5️⃣ ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ (Breathing Exercises) – तनाव कम करें और डिलीवरी के लिए तैयार करें

🌬️ सही तरीके से साँस लेने से ऑक्सीजन सप्लाई बेहतर होती है, जिससे माँ और बच्चे दोनों को फायदा होता है।

🔹 सर्वश्रेष्ठ ब्रीदिंग टेक्निक्स:
✔️ डीप ब्रीदिंग – नाक से गहरी सांस लें और मुँह से धीरे-धीरे छोड़ें।
✔️ अनुलोम-विलोम – नर्वस सिस्टम को शांत करता है।
✔️ काउंटेड ब्रीदिंग – 4 सेकेंड तक सांस अंदर लें, 6 सेकेंड तक बाहर छोड़ें।

🔹 क्या ध्यान रखें?
✅ शांत माहौल में बैठें।
✅ धूल-धुएँ वाली जगहों से बचें।


🚨 एक्सरसाइज़ करते समय इन बातों का ध्यान रखें:

⚠️ बहुत ज़्यादा थकान या चक्कर महसूस हो तो तुरंत रुकें।
⚠️ भारी वजन उठाने से बचें।
⚠️ हमेशा डॉक्टर से सलाह लेकर ही एक्सरसाइज़ करें।
⚠️ बहुत ज़्यादा स्ट्रेचिंग न करें, वरना चोट लग सकती है।


प्रेग्नेंसी के दौरान सही एक्सरसाइज़ से बॉडी फिट रहती है, डिलीवरी आसान होती है और माँ-बच्चे दोनों की हेल्थ अच्छी रहती है। डॉ. कुमारी शिल्पा की सलाह के अनुसार, डॉक्टर की गाइडेंस में हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ करना सबसे अच्छा तरीका है।

📍 अगर आप प्रेग्नेंसी से जुड़ी कोई हेल्थ समस्या फेस कर रही हैं, तो “मातृका हेरिटेज हॉस्पिटल, दरभंगा” में डॉ. कुमारी शिल्पा से सलाह लें।

📞 अपॉइंटमेंट के लिए कॉल करें: +91 92791 37033
📍 क्लिनिक का पता: तारा होटल वाली गली में, अयाची नगर, बेंता , दरभंगा

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