स्तन स्वास्थ्य जागरूकता: स्वयं जांच कैसे करें
डॉ. कुमारी शिल्पा द्वारा सुझावित, मातृका हेरिटेज हॉस्पिटल, दरभंगा
महिलाओं के स्वास्थ्य में स्तन स्वास्थ्य (Breast Health) एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू है। आज के समय में बढ़ते तनाव, गलत जीवनशैली और जागरूकता की कमी के कारण कई महिलाएं अपने स्तन स्वास्थ्य को लेकर सतर्क नहीं रहतीं। परिणामस्वरूप, स्तन संक्रमण, ग्रंथियों की सूजन या उससे भी गंभीर अवस्थाएं जैसे स्तन कैंसर जैसी बीमारियों का पता देर से चलता है।
स्वयं जांच या Breast Self-Exam (BSE) एक सरल और प्रभावी तरीका है जिसके द्वारा महिलाएं अपने स्तनों में होने वाले शुरुआती बदलावों को पहचान सकती हैं और समय रहते चिकित्सकीय सलाह ले सकती हैं।
🌷 स्तन स्वास्थ्य क्यों ज़रूरी है?
स्तन महिला के शरीर का एक अत्यंत संवेदनशील अंग है जो न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य से भी जुड़ा होता है। हर महिला को अपनी स्तन संरचना, आकार और सामान्य परिवर्तन के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि किसी भी असामान्यता को पहचानना आसान हो सके।
🩺 स्वयं जांच कब करनी चाहिए?
- मासिक धर्म समाप्त होने के 5 से 7 दिन बाद स्वयं जांच करें, जब स्तन सामान्य स्थिति में होते हैं।
- जिन महिलाओं का मासिक धर्म बंद हो चुका है (menopause), वे महीने की किसी निश्चित तारीख तय कर जांच करें।
- किशोरियों से लेकर वृद्ध महिलाओं तक हर महिला को महीने में एक बार स्तन जांच को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
🔍 स्वयं जांच करने की विधि (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)
1. शीशे के सामने निरीक्षण करें:
अपने स्तनों को ध्यान से देखें। दोनों स्तनों का आकार, त्वचा का रंग, और कोई असामान्य सूजन या झुर्रियां तो नहीं हैं, यह जांचें। यदि निपल्स (nipples) अंदर की ओर जा रहे हों या असामान्य स्राव दिखे, तो डॉक्टर से सलाह लें।
2. हाथों की स्थिति बदलकर देखें:
अपने हाथों को पहले कमर पर रखें और फिर ऊपर उठाएं। इससे स्तनों के नीचे और बगल के हिस्से का आकार स्पष्ट दिखेगा। किसी भी असमानता या हल्के उभार पर ध्यान दें।
3. स्पर्श द्वारा जांच करें (Touch Examination):
लेटकर या खड़े होकर दाएं स्तन को बाएं हाथ और बाएं स्तन को दाएं हाथ से जांचें।
- उंगलियों के अगले हिस्से (फिंगरपैड्स) का प्रयोग करें।
- हल्के-हल्के गोलाकार गति में पूरे स्तन को जांचें।
- केंद्र से बाहरी भाग और बगल तक जांचना न भूलें — वहाँ भी कई बार गांठें पाई जाती हैं।
4. दबाव का सही प्रयोग करें:
- हल्का दबाव त्वचा के नीचे की सतहों को महसूस करने के लिए।
- मध्यम दबाव थोड़ी गहराई तक जांचने के लिए।
- गहरा दबाव स्तन की गहराई तक जांचने के लिए।
5. निपल्स की जांच करें:
निपल्स को धीरे-धीरे दबाकर देखें कि कोई स्राव (discharge) या खून जैसा पदार्थ तो नहीं निकल रहा। अगर ऐसा होता है, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।
🚨 किसी भी असामान्यता पर तुरंत ध्यान दें:
- गांठ या उभार महसूस होना
- त्वचा का सिकुड़ना या खिंचना
- निपल्स का आकार या दिशा बदलना
- दर्द या संवेदनशीलता में अचानक परिवर्तन
- किसी प्रकार का स्राव निकलना
✅ स्तन स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के सुझाव (डॉ. कुमारी शिल्पा की सलाह):
- संतुलित आहार लें जिसमें विटामिन E, एंटीऑक्सिडेंट और ओमेगा-3 की पर्याप्त मात्रा हो।
- नियमित व्यायाम करें — यह हार्मोन संतुलन बनाए रखने और रक्त संचार सुधारने में मदद करता है।
- बहुत टाइट कपड़े या अस्थिर ब्रा का उपयोग न करें।
- हर महीने स्वयं जांच करें और साल में कम से कम एक बार Mammogram कराएं, विशेषकर 40 साल के बाद।
- किसी भी असामान्य लक्षण को छिपाने की बजाय खुलकर डॉक्टर से चर्चा करें।
📍 दरभंगा में स्तन स्वास्थ्य जांच और उपचार कहाँ कराएं?
मातृका हेरिटेज हॉस्पिटल, दरभंगा में डॉ. कुमारी शिल्पा स्तन स्वास्थ्य से जुड़ी सभी आधुनिक जांचें जैसे Ultrasound Breast, FNAC, और Mammography करती हैं। यहाँ पर सुरक्षित और गोपनीय वातावरण में सही निदान और उपचार प्रदान किया जाता है।
📞 अपॉइंटमेंट के लिए संपर्क करें:
📱 +91 92791 37033
📍 तारा होटल वाली गली, अयाची नगर, बेंता, दरभंगा
💬 निष्कर्ष
स्तन स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना सिर्फ एक सुरक्षा कदम नहीं बल्कि अपने शरीर के प्रति सम्मान का प्रतीक है। स्वयं जांच एक सरल आदत है जो समय रहते किसी भी बीमारी का पता लगाने और जीवन बचाने में मदद कर सकती है। हर महिला को अपने शरीर को जानना, समझना और उसकी देखभाल करना चाहिए — क्योंकि स्वस्थ स्तन ही महिलाओं की समग्र सेहत की नींव हैं।



