Benefits of Skin-to-Skin Contact with Newborns

त्वचा-से-त्वचा संपर्क, जिसे कंगारू केयर (Kangaroo Care) भी कहा जाता है, एक सरल लेकिन बेहद प्रभावशाली तरीका है जिसमें नवजात शिशु को उसकी माँ या पिता की नंगी छाती पर रखा जाता है। यह प्रक्रिया न केवल बच्चे के लिए बल्कि माता-पिता दोनों के लिए भी अनेक लाभ देती है। यही कारण है कि इसे दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा अत्यधिक अनुशंसित किया गया है।

🌡️ शरीर का तापमान नियंत्रित करने में मदद

नवजात शिशुओं के लिए शरीर का तापमान नियंत्रित रखना एक चुनौती होता है। जब शिशु को माँ या पिता की गर्म छाती पर रखा जाता है, तो उनका शरीर स्वाभाविक रूप से बच्चे के तापमान को संतुलित करने लगता है। यह विशेष रूप से असमय जन्मे (Premature) बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि उनका शरीर अभी पूरी तरह से तापमान नियंत्रित करने में सक्षम नहीं होता।

💞 माता-पिता और बच्चे के बीच मजबूत बंधन

त्वचा-से-त्वचा संपर्क भावनात्मक जुड़ाव (Bonding) को मजबूत बनाता है। जब बच्चा अपने माता-पिता की छाती पर होता है, तो वह उनकी दिल की धड़कन, सुगंध और आवाज़ महसूस करता है। यह अनुभव बच्चे को सुरक्षा और अपनापन का एहसास कराता है। यह न केवल बच्चे के मानसिक विकास के लिए जरूरी है, बल्कि माता-पिता को भी अपने नवजात से गहरा जुड़ाव महसूस होता है।

😌 तनाव और चिंता में राहत

यह संपर्क बच्चे और माता-पिता दोनों के लिए शांत और सुकूनदायक होता है। बच्चे को जब अपने माता-पिता की गर्म छाती पर रखा जाता है, तो उसे सुरक्षा और आराम का अनुभव होता है जिससे उसका तनाव और रोना कम होता है।
वहीं, माता-पिता के लिए यह संपर्क ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) हार्मोन को सक्रिय करता है — यह वही हार्मोन है जो प्यार, खुशी और शांति की भावना बढ़ाता है। यही कारण है कि यह तरीका प्रसवोत्तर अवसाद (Postpartum Depression) को कम करने में मदद करता है।

❤️ शारीरिक और स्वास्थ्य संबंधी लाभ

वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि त्वचा-से-त्वचा संपर्क से बच्चे की हृदय गति, श्वसन दर, और रक्तचाप स्थिर रहता है।
साथ ही यह प्रक्रिया स्तनपान (Breastfeeding) को भी प्रोत्साहित करती है, क्योंकि यह प्रोलैक्टिन और ऑक्सीटोसिन जैसे हार्मोनों के उत्पादन को बढ़ाती है।
इससे माँ को दूध पिलाने में आसानी होती है और बच्चा अधिक सहज महसूस करता है, जिससे स्तनपान की सफलता दर बढ़ जाती है।

🧬 बच्चे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि

जब बच्चा त्वचा-से-त्वचा संपर्क में आता है, तो वह अपने माता-पिता की त्वचा पर मौजूद प्राकृतिक बैक्टीरिया के संपर्क में आता है। यह संपर्क बच्चे के इम्यून सिस्टम (Immune System) को मजबूत बनाने में मदद करता है। इस तरह बच्चे का शरीर प्रारंभिक अवस्था में ही विभिन्न बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता विकसित करता है, जो उसे भविष्य में कई बीमारियों से बचा सकता है।

🤱 माता-पिता के लिए लाभ

यह केवल बच्चे के लिए ही नहीं बल्कि माता-पिता के लिए भी अत्यंत फायदेमंद है।

  • यह तनाव कम करता है और भावनात्मक संतुलन बनाए रखता है।

  • स्तनपान की सफलता को बढ़ाता है।

  • प्रसव के बाद की रिकवरी को तेज करता है।

  • माता-पिता को अपने बच्चे के साथ गहरा भावनात्मक जुड़ाव महसूस होता है।

🩵 निष्कर्ष

संक्षेप में, त्वचा-से-त्वचा संपर्क (Kangaroo Care) एक सरल लेकिन चमत्कारी अभ्यास है जो बच्चे और माता-पिता दोनों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
यह बच्चे के शरीर के तापमान को नियंत्रित रखता है, भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत करता है, तनाव को कम करता है और बच्चे की शारीरिक व मानसिक वृद्धि में सहायक होता है।
माता-पिता के लिए भी यह प्रक्रिया मानसिक शांति और प्रसवोत्तर स्वास्थ्य में सुधार लाती है।

👉 यदि आप नए माता-पिता हैं, तो अपने बच्चे के साथ त्वचा-से-त्वचा संपर्क को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाएं — यह आपके बच्चे के स्वस्थ और खुशहाल विकास के लिए सबसे प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है। 🌸

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