Top Myths About Infertility You Should Stop Believing.

बांझपन (Infertility) को लेकर समाज में कई गलतफहमियां और मिथक (Myths) फैले हुए हैं। लोग अक्सर बिना वैज्ञानिक आधार के धारणाएं बना लेते हैं, जिससे सही जानकारी न मिलने के कारण कई दंपति तनाव में आ जाते हैं। अगर आप भी गर्भधारण की योजना बना रहे हैं या किसी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो इन भ्रांतियों को दूर करना बहुत जरूरी है।

इस ब्लॉग में, हम बांझपन से जुड़े सबसे आम मिथकों और उनके पीछे की सच्चाई के बारे में चर्चा करेंगे।


मिथक 1: केवल महिलाओं में ही बांझपन की समस्या होती है

सच्चाई: यह सबसे आम और गलत धारणा है। वास्तव में, पुरुष और महिला दोनों ही बांझपन की समस्या का सामना कर सकते हैं। रिसर्च के अनुसार, बांझपन के मामलों में लगभग 40% कारण पुरुषों से, 40% महिलाओं से, और 20% दोनों से संबंधित होते हैं

👨‍⚕️ पुरुषों में बांझपन के कारण:

  • शुक्राणु की कमी या गतिशीलता में समस्या
  • हार्मोनल असंतुलन
  • अनुवांशिक समस्याएं
  • अधिक धूम्रपान, शराब या नशे की लत

👩‍⚕️ महिलाओं में बांझपन के कारण:

  • पीसीओडी (PCOD) या पीसीओएस (PCOS)
  • एंडोमेट्रियोसिस
  • थायरॉइड असंतुलन
  • फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज

इसलिए, अगर गर्भधारण में कठिनाई हो रही है, तो केवल महिला नहीं, बल्कि पुरुष को भी जांच करानी चाहिए।


मिथक 2: अगर आपको मासिक धर्म (पीरियड्स) नियमित रूप से हो रहे हैं, तो आप गर्भधारण कर सकती हैं

सच्चाई: नियमित पीरियड्स होना प्रजनन क्षमता का एक संकेत हो सकता है, लेकिन यह 100% गारंटी नहीं है कि आप गर्भधारण कर पाएंगी। कई महिलाएं ओव्यूलेशन (Egg Release) से जुड़ी समस्याओं का सामना करती हैं, जिससे गर्भधारण मुश्किल हो सकता है।

अगर 6-12 महीने तक नियमित संबंध बनाने के बावजूद गर्भधारण नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।


मिथक 3: IVF (आईवीएफ) 100% सफल होता है

सच्चाई: IVF (In Vitro Fertilization) एक अत्याधुनिक तकनीक है, लेकिन इसकी सफलता दर कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे:

  • महिला की उम्र
  • अंडाणु और शुक्राणु की गुणवत्ता
  • हेल्थ कंडीशन
  • लाइफस्टाइल

सामान्य तौर पर, IVF की सफलता दर 35-50% होती है, जो हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है। इसलिए, एक बार में सफलता न मिले तो निराश न हों, डॉक्टर की सलाह से आगे बढ़ें।


मिथक 4: तनाव ही बांझपन का सबसे बड़ा कारण है

सच्चाई: यह सच है कि अत्यधिक तनाव आपके हार्मोन पर प्रभाव डाल सकता है, लेकिन यह अकेला कारण नहीं होता। बांझपन के कई मेडिकल कारण होते हैं, जिन्हें केवल तनाव से जोड़ना सही नहीं है।

हालांकि, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखना गर्भधारण की संभावना को बढ़ा सकता है। ध्यान (Meditation), योग और पॉजिटिव सोच अपनाने से फायदा हो सकता है।


मिथक 5: गर्भधारण के लिए सही उम्र 20-30 साल ही होती है

सच्चाई: हालांकि, 20-30 साल की उम्र को प्रजनन के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, लेकिन आजकल 35-40 साल की उम्र में भी महिलाएं स्वस्थ गर्भधारण कर रही हैं
इसके लिए समय पर मेडिकल जांच, सही खानपान, और स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है।


मिथक 6: अगर आपको एक बार गर्भधारण हो चुका है, तो भविष्य में कोई समस्या नहीं होगी

सच्चाई: Secondary Infertility एक आम समस्या है, जहां पहली बार आसानी से गर्भधारण होने के बाद दूसरी बार मुश्किल हो सकती है।
इसका कारण हो सकता है:

  • उम्र बढ़ने के कारण अंडाणुओं की गुणवत्ता में गिरावट
  • हार्मोनल असंतुलन
  • जीवनशैली में बदलाव

अगर दूसरी बार गर्भधारण में समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से परामर्श लें।


मिथक 7: आयुर्वेदिक या घरेलू उपाय से 100% बांझपन का इलाज संभव है

सच्चाई: कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खे प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन यह किसी भी मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं हैं
अगर किसी को बांझपन की गंभीर समस्या है, तो उन्हें सही मेडिकल टेस्ट और डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।


बिहार में सर्वश्रेष्ठ फर्टिलिटी क्लीनिक कहां मिलेंगे?

बिहार में कई अच्छे फर्टिलिटी क्लिनिक मौजूद हैं, खासतौर पर पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, और भागलपुर जैसे शहरों में। अगर आप दरभंगा या आसपास के इलाके में रहते हैं, तो मातृका हेरिटेज हॉस्पिटल, दरभंगा आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

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📍 पता: तारा होटल वाली गली, अयाची नगर, बेंता, दरभंगा

बांझपन को लेकर समाज में कई मिथक प्रचलित हैं, जिनसे बाहर निकलना बहुत जरूरी है। सही जानकारी और मेडिकल परामर्श के साथ, आप अपने माता-पिता बनने के सपने को पूरा कर सकते हैं।

अगर आप या आपका कोई जानने वाला गर्भधारण में परेशानी का सामना कर रहा है, तो किसी अनुभवी फर्टिलिटी विशेषज्ञ से सलाह लें और विज्ञान आधारित इलाज अपनाएं। ❤️

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