गर्भावस्था महिलाओं के जीवन का एक खास दौर होता है, लेकिन इस दौरान कई प्रकार की भ्रांतियाँ और गलत धारणाएँ प्रचलित होती हैं। कई बार यह गलत जानकारी महिलाओं में डर और चिंता पैदा कर सकती है। आज, डॉ. कुमारी शिल्पा इन आम भ्रांतियों पर से पर्दा हटाकर सच बताएँगी।
मिथक 1: प्रेग्नेंसी के दौरान पपीता और अनानास खाने से गर्भपात हो सकता है
सच: पपीता और अनानास में कुछ ऐसे एंजाइम होते हैं जो अत्यधिक मात्रा में लेने पर गर्भाशय को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन सामान्य मात्रा में इन्हें खाना सुरक्षित होता है। पका हुआ पपीता और अनानास पोषण से भरपूर होते हैं और इन्हें संतुलित मात्रा में खाने से कोई नुकसान नहीं होता।
मिथक 2: प्रेग्नेंसी में सिर्फ दोगुना खाना चाहिए
सच: “दो के लिए खाना” एक बहुत बड़ी भ्रांति है। गर्भावस्था में केवल 300-500 अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता होती है, जो कि एक संतुलित आहार से आसानी से प्राप्त की जा सकती है। अधिक खाने से वजन बढ़ सकता है, जिससे गर्भावस्था में जटिलताएँ हो सकती हैं।
मिथक 3: सुबह की उल्टी का मतलब है कि बच्चा स्वस्थ है
सच: मतली और उल्टी गर्भावस्था के शुरुआती चरण में आम होती हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि सभी महिलाओं को यह अनुभव हो। जिन महिलाओं को यह नहीं होती, उनका शिशु भी उतना ही स्वस्थ होता है। यह सिर्फ हार्मोनल बदलाव के कारण होता है।
मिथक 4: प्रेग्नेंसी में ज्यादा मसालेदार खाना खाने से बच्चा गहरा रंग का होता है
सच: बच्चे की त्वचा का रंग माता-पिता की जेनेटिक्स पर निर्भर करता है, न कि किसी विशेष भोजन पर। मसालेदार भोजन से कभी-कभी अपच या एसिडिटी हो सकती है, लेकिन यह बच्चे के रंग को प्रभावित नहीं करता।
मिथक 5: सीज़ेरियन डिलीवरी कराने से अगली बार भी ऑपरेशन ही होगा
मिथक 5: सीज़ेरियन डिलीवरी कराने से अगली बार भी ऑपरेशन ही होगा
