A caring Indian mother comforting her teenage daughter during her first period, sitting together on a bed with sanitary pads and a hot water bag nearby — promoting awareness about menstrual health in Darbhanga.

How to Support Your Teenager During Their First Period.

आपकी बेटी का पहला पीरियड: कैसे दें भावनात्मक और शारीरिक सहारा

डॉ. कुमारी शिल्पा, स्त्रीरोग विशेषज्ञ, मातृका हेरिटेज हॉस्पिटल, दरभंगा से सुझाव

हर माँ के लिए वो पल खास होता है जब उसकी बेटी पहली बार पीरियड्स का अनुभव करती है। यह शारीरिक बदलाव का संकेत ही नहीं, एक भावनात्मक मोड़ भी होता है। ऐसे समय में आपकी बेटी को सहानुभूति, जानकारी और आपका साथ सबसे ज़्यादा चाहिए।

1️⃣ खुलकर बात करें, चुप्पी नहीं

बेटी को समझाएं कि पीरियड आना एक स्वाभाविक और हेल्दी प्रक्रिया है। उसे डर या शर्म का अहसास न होने दें। अगर वह सवाल पूछे, तो सच्चे और सरल जवाब दें।
आप कह सकती हैं –

“ये तुम्हारे शरीर में हो रहे एक सामान्य बदलाव का हिस्सा है। ये बिल्कुल सामान्य और ज़रूरी है।”

2️⃣ पहले से करें तैयारी

जब बेटी 9–12 साल की उम्र में पहुंचने लगे, तब से ही उसे मासिक धर्म के बारे में धीरे-धीरे बताना शुरू करें।
✅ पैड्स कैसे इस्तेमाल करें
✅ हाइजीन का ध्यान कैसे रखें
✅ कपड़े या बैग में एक्स्ट्रा पैड रखना क्यों ज़रूरी है

3️⃣ शर्म को तोड़ें, आत्मविश्वास जगाएं

कई किशोरियां पहले पीरियड को लेकर घबरा जाती हैं। उन्हें समझाएं कि ये कोई बीमारी नहीं, बल्कि महिलाओं के जीवन का सामान्य हिस्सा है।

“तुम्हें शर्माने की ज़रूरत नहीं, ये तुम्हारी हेल्थ का संकेत है।”

4️⃣ स्कूल या बाहर जाने से पहले करें गाइड

उसे समझाएं कि स्कूल में कैसे मदद लें। अगर दर्द हो, तो क्या करें? अगर पैड बदलना पड़े, तो कैसे कहें?
✅ एक छोटा सा पीरियड किट तैयार कर के दें – पैड, वाइप्स, पाउच आदि।

5️⃣ उसे भावनात्मक सहारा दें

कुछ लड़कियों को पहले पीरियड के दौरान मूड स्विंग, पेट दर्द या घबराहट होती है। उसका हाथ थामें और कहें:

“मैं तुम्हारे साथ हूं। तुम अकेली नहीं हो। कोई भी परेशानी हो, मुझसे बात करो।”


डॉक्टर की सलाह: डॉ. कुमारी शिल्पा कहती हैं

“पहला पीरियड एक लड़की के मानसिक और शारीरिक विकास में बड़ा बदलाव लाता है। माता-पिता अगर सही समय पर जानकारी और साथ दें, तो बेटी आत्मविश्वास से भरी रहती है और उसका स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।”


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🔖 निष्कर्ष

पहला पीरियड एक नया अनुभव होता है – डराने वाला नहीं, समझाने और साथ देने का समय। आपकी थोड़ी सी समझदारी, बेटी को आत्मविश्वासी और स्वस्थ बना सकती है।

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