महिलाओं के लिए हड्डियों का स्वास्थ्य क्यों ज़रूरी है: ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के उपाय
डॉ. कुमारी शिल्पा द्वारा सुझावित, मातृका हेरिटेज हॉस्पिटल, दरभंगा
हर उम्र में महिलाओं का शरीर कई तरह के जैविक बदलावों से गुजरता है — किशोरावस्था, गर्भधारण, स्तनपान, और रजोनिवृत्ति (Menopause)। इन सभी चरणों में हड्डियों का स्वास्थ्य (Bone Health) प्रभावित होता है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो ये बदलाव भविष्य में ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी गंभीर समस्या का कारण बन सकते हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस एक “मौन रोग” है, जो धीरे-धीरे हड्डियों को कमजोर करता है, जिससे हल्की सी चोट पर भी हड्डियाँ टूट सकती हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि भारत में लगभग 50 वर्ष से ऊपर की हर तीन में से एक महिला किसी न किसी स्तर पर ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रसित होती है।
🦴 हड्डियों के कमजोर होने के प्रमुख कारण
1. हार्मोनल बदलाव:
मेनोपॉज़ के बाद ईस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर घटने लगता है, जो हड्डियों को कमजोर करने का मुख्य कारण बनता है।
2. कैल्शियम और विटामिन D की कमी:
कैल्शियम हड्डियों का मुख्य घटक है, जबकि विटामिन D उसके अवशोषण के लिए आवश्यक है। इनके अभाव में हड्डियाँ धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं।
3. निष्क्रिय जीवनशैली:
लंबे समय तक बैठने की आदत, व्यायाम की कमी और शारीरिक श्रम न करने से हड्डियों की मजबूती घटती है।
4. असंतुलित आहार और धूम्रपान/शराब सेवन:
पोषक तत्वों की कमी, फास्ट फूड का ज़्यादा सेवन और नशे की आदतें हड्डियों के स्वास्थ्य को नीचे गिरा देती हैं।
5. पारिवारिक इतिहास या आनुवंशिक कारण:
अगर परिवार में किसी को ऑस्टियोपोरोसिस रहा है, तो उसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
🔍 ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण जिन्हें नज़रअंदाज़ न करें
- पीठ या कमर में लगातार दर्द
- ऊँचाई का धीरे-धीरे कम होना
- झुककर चलने की प्रवृत्ति
- हल्के धक्के या गिरने पर हड्डी टूटना
- थकान और कमजोरी महसूस होना
ये लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं, इसलिए नियमित जांच बेहद आवश्यक है।
🧪 हड्डियों की सेहत की जाँच कैसे कराएं?
1. बोन डेंसिटी टेस्ट (DEXA Scan):
यह सबसे विश्वसनीय टेस्ट है जिससे हड्डियों की मजबूती (Bone Mineral Density) का पता चलता है।
2. ब्लड टेस्ट:
सीरम कैल्शियम और विटामिन D स्तर की जाँच से पोषण की कमी का पता चलता है।
3. एक्स-रे और अन्य इमेजिंग:
जरूरत पड़ने पर डॉक्टर हड्डियों की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए एक्स-रे भी सलाह दे सकते हैं।
🌿 महिलाओं के लिए हड्डियाँ मज़बूत रखने के उपाय (डॉ. कुमारी शिल्पा की सलाह)
1. कैल्शियम युक्त आहार लें:
दूध, दही, पनीर, तिल, बादाम, ब्रोकली, और हरी पत्तेदार सब्जियाँ कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं।
2. विटामिन D का सेवन बढ़ाएं:
सुबह की धूप में कम से कम 15–20 मिनट तक रहें। यदि आवश्यक हो तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन D सप्लिमेंट लें।
3. रोज़ाना हल्का व्यायाम करें:
वॉकिंग, योग और Weight-bearing Exercises हड्डियों की मजबूती बढ़ाते हैं।
4. धूम्रपान और शराब से परहेज़ करें:
ये दोनों आदतें हड्डियों की संरचना को नुकसान पहुँचाती हैं।
5. पर्याप्त प्रोटीन लें:
दालें, अंडा, मछली और सोया उत्पाद हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
6. नियमित जांच कराएं:
40 की उम्र के बाद हर दो साल में बोन डेंसिटी टेस्ट ज़रूर कराएं।
🏥 दरभंगा में ऑस्टियोपोरोसिस की जांच और उपचार कहाँ कराएं?
मातृका हेरिटेज हॉस्पिटल, दरभंगा में डॉ. कुमारी शिल्पा महिलाओं की हड्डियों के स्वास्थ्य का संपूर्ण मूल्यांकन करती हैं। यहाँ DEXA Scan, ब्लड टेस्ट, न्यूट्रिशन काउंसलिंग और हार्मोन थेरेपी जैसी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
📞 अपॉइंटमेंट के लिए संपर्क करें:
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📍 तारा होटल वाली गली, अयाची नगर, बेंता, दरभंगा
💬 निष्कर्ष
हड्डियों की देखभाल केवल उम्र बढ़ने के बाद की ज़रूरत नहीं है — यह हर महिला के लिए जीवनभर की ज़िम्मेदारी है। मज़बूत हड्डियाँ एक स्वस्थ, आत्मनिर्भर और सक्रिय जीवन की नींव हैं।
इसलिए आज से ही संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समय-समय पर जांच को अपना नियम बना लें।
याद रखें — “मजबूत हड्डियाँ, मजबूत जीवन!”



