बिहार की महिलाओं को स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित करना
डॉ. कुमारी शिल्पा द्वारा सुझावित, मातृका हेरिटेज हॉस्पिटल, दरभंगा
हमारे समाज में महिलाएं परिवार की रीढ़ होती हैं — वे माँ, बहन, बेटी और पत्नी के रूप में हर भूमिका निभाती हैं। लेकिन अक्सर वे दूसरों की देखभाल में इतनी व्यस्त हो जाती हैं कि खुद के स्वास्थ्य का ध्यान रखना भूल जाती हैं। बिहार के ग्रामीण और शहरी इलाकों में यह स्थिति और अधिक देखने को मिलती है, जहाँ स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता और सुविधाओं की कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती है।
महिलाओं का स्वास्थ्य सिर्फ एक व्यक्तिगत ज़रूरत नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज की भलाई से जुड़ा हुआ विषय है। एक स्वस्थ महिला ही स्वस्थ परिवार और सशक्त समाज की नींव रख सकती है।
🩺 महिलाएं अपने स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ क्यों करती हैं?
- परिवार को प्राथमिकता देना:
ज़्यादातर महिलाएं अपने पति, बच्चों और बुजुर्गों की ज़रूरतों को पहले रखती हैं, और जब बात खुद के स्वास्थ्य की आती है तो अक्सर उसे टाल देती हैं। - जागरूकता की कमी:
कई महिलाएं यह नहीं समझ पातीं कि मामूली लक्षण जैसे थकान, मासिक अनियमितता या सिरदर्द भी किसी गहरे स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकते हैं। - सुविधाओं की कमी:
ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के लिए उचित जांच केंद्र, स्त्री रोग विशेषज्ञ और पोषण संबंधी सलाह की उपलब्धता सीमित है। - आर्थिक निर्भरता:
आर्थिक रूप से निर्भर महिलाएं अक्सर अपनी जांच या दवाओं पर खर्च करने से हिचकिचाती हैं।
🌿 महिला स्वास्थ्य के प्रमुख पहलू जिन पर ध्यान ज़रूरी है:
- मासिक धर्म स्वास्थ्य (Menstrual Health)
साफ-सफाई बनाए रखें, नियमितता पर नज़र रखें, और असामान्य रक्तस्राव या दर्द की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें। - प्रजनन स्वास्थ्य (Reproductive Health)
गर्भनिरोधक के सही उपयोग, सुरक्षित मातृत्व और प्रसव से संबंधित सलाह लेना महिलाओं के दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है। - पोषण (Nutrition)
बिहार की कई महिलाएं आयरन, फॉलिक एसिड और कैल्शियम की कमी से जूझती हैं। संतुलित आहार में हरी सब्ज़ियाँ, दालें, अंडे, दूध और मौसमी फल शामिल करें। - मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health)
मानसिक तनाव को नजरअंदाज न करें। नियमित रूप से खुलकर बातें करें, ध्यान लगाएँ और जरुरत पड़ने पर विशेषज्ञ की मदद लें। - नियमित स्वास्थ्य जांच (Check-ups)
साल में कम से कम एक बार ब्लड टेस्ट, ब्लड प्रेशर चेक, शुगर लेवल और महिला रोग परीक्षण करवाना चाहिए।
💪 स्वयं की देखभाल कोई स्वार्थ नहीं, आत्म-सम्मान है
महिलाएं अक्सर यह सोचती हैं कि अपने लिए समय निकालना स्वार्थ है, लेकिन यह सोच बदलनी होगी। खुद की सेहत का ध्यान रखने का अर्थ है अपने परिवार और समाज के भविष्य की रक्षा करना। अगर एक माँ बीमार रहती है तो पूरे परिवार की दिनचर्या प्रभावित होती है, इसलिए अपनी सेहत को “ज़िम्मेदारी” की तरह लें, बोझ नहीं।
✅ डॉ. कुमारी शिल्पा की सलाह — कुछ छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कदम:
- दिन की शुरुआत हेल्दी रूटीन से करें
सुबह हल्का व्यायाम या योग शरीर और मन दोनों को तरोताज़ा करता है। - समय पर भोजन और नींद लें
देर रात तक जागना और भोजन छोड़ना कई स्वास्थ्य समस्याओं की जड़ है। नियमितता से शरीर मजबूत रहता है। - साल में कम से कम एक बार डॉक्टर से जांच कराएं
चाहे लक्षण हों या नहीं, नियमित जांच से गंभीर बीमारियों को शुरुआती स्तर पर पकड़ा जा सकता है। - साफ-सफाई और स्वच्छता का ध्यान रखें
खासकर मासिक धर्म और प्रसव के बाद व्यक्तिगत हाइजीन पर विशेष ध्यान आवश्यक है। - अपने स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात करें
साथी, परिवार या चिकित्सक से अपनी परेशानियाँ साझा करें — महिलाओं के स्वास्थ्य पर खुली बातचीत ही बदलाव की कुंजी है।
📍 दरभंगा में महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य का समाधान कहाँ लें?
मातृका हेरिटेज हॉस्पिटल, दरभंगा, महिलाओं के लिए एक भरोसेमंद स्वास्थ्य केंद्र है।
यहाँ डॉ. कुमारी शिल्पा अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में महिलाओं को पूर्ण जांच, आहार पर सलाह, मानसिक स्वास्थ्य समर्थन और आधुनिक उपचार सुविधाएँ प्रदान करती हैं।
📞 अपॉइंटमेंट हेतु संपर्क करें:
📱 +91 92791 37033
📍 तारा होटल वाली गली, अयाची नगर, बेंता, दरभंगा
💬 निष्कर्ष
बिहार की महिलाओं के लिए अब समय आ गया है कि वे अपनी सेहत को प्राथमिकता दें। स्वस्थ शरीर और संतुलित मन किसी भी महिला की सबसे बड़ी शक्ति हैं। अपनी दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव लाकर, नियमित जांच और सही खानपान अपनाकर हर महिला एक सशक्त और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ा सकती है।
