Breastfeeding Basics: A Guide for First-Time Mothers.

स्तनपान की मूल बातें: पहली बार मातृत्व का अनुभव करने वाली माताओं के लिए मार्गदर्शिका
डॉ. कुमारी शिल्पा द्वारा सुझावित, मातृका हेरिटेज हॉस्पिटल, दरभंगा

मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे सुंदर अनुभव होता है, लेकिन इसके साथ कई नई जिम्मेदारियाँ और चुनौतियाँ भी आती हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है — स्तनपान (Breastfeeding)। यह न केवल बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि मां के स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। फिर भी, कई नई माताओं को स्तनपान की प्रक्रिया, तकनीक और उससे जुड़े संदेहों के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं होती।

👶 स्तनपान क्यों ज़रूरी है?

  • बच्चे के लिए:
    माँ का दूध बच्चे के लिए पहला और सर्वोत्तम भोजन है। इसमें सभी पोषक तत्व — प्रोटीन, वसा, विटामिन और एंटीबॉडी मौजूद होते हैं जो बच्चे को संक्रमणों से बचाते हैं और उसकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करते हैं।
  • मां के लिए:
    स्तनपान से मां के गर्भाशय की पुनःसंकोचन प्रक्रिया तेज़ होती है, जिससे प्रसव के बाद ब्लीडिंग कम होती है। साथ ही, यह भविष्य में स्तन और अंडाशय के कैंसर के खतरे को भी कम करता है।

🍼 पहली बार स्तनपान कब कराना चाहिए?

जन्म के तुरंत बाद, यानी पहले एक घंटे के भीतर, बच्चे को मां का दूध पिलाना सबसे अच्छा समझा जाता है। इस समय जो दूध निकलता है उसे कोलोस्ट्रम (Colostrum) कहा जाता है — यह गाढ़ा, पीला तरल बच्चे के जीवन की पहली “इम्युनिटी डोज़” होती है, जो उसे संक्रमणों से बचाती है।

💧 स्तनपान की सही तकनीक

  1. सही पोज़िशन चुनें
    मां को आरामदायक मुद्रा में बैठना या लेटना चाहिए। बच्चे का सिर, गला और शरीर एक सीधी रेखा में होना चाहिए।
  2. सही लैचिंग (Latching)
    बच्चे को केवल निप्पल ही नहीं बल्कि आसपास का एरिओला हिस्सा भी मुँह में लेना चाहिए। इससे बच्चे को पूरा दूध मिल पाता है और मां को दर्द नहीं होता।
  3. बारी-बारी से दोनों स्तनों से दूध पिलाएं
    हर बार स्तनपान सत्र में एक स्तन से शुरू करें और अगले सत्र में दूसरे स्तन से, ताकि दोनों स्तनों में दूध का संतुलन बना रहे।
  4. बच्चे का डकार दिलाना न भूलें
    प्रत्येक फीड के बाद बच्चे को हल्के से कंधे पर रखकर डकार दिलाने से गैस नहीं बनती और बच्चा अधिक आराम महसूस करता है।

🥦 स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए आहार सुझाव

  • प्रोटीनयुक्त भोजन लें — दूध, दाल, अंडा, मछली, सोया और मूंगफली फायदेमंद हैं।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ, क्योंकि दूध उत्पादन में पानी की ज़रूरत होती है।
  • हरी पत्तेदार सब्जियाँ, मौसमी फल और साबुत अनाज को आहार में शामिल करें।
  • कैफीन, शराब, और अधिक मसालेदार भोजन से बचें।
  • डॉक्टर की सलाह से आयरन और कैल्शियम सप्लिमेंट लें।

🚨 स्तनपान के दौरान आने वाली सामान्य समस्याएँ

  • निप्पल दर्द या घाव — गलत लैचिंग इसका एक मुख्य कारण है। सही तकनीक सीखें और स्तन को साफ रखें।
  • दूध का कम बनना — पर्याप्त पानी पीना, तनाव से बचना और बार-बार स्तनपान कराना समाधान हो सकता है।
  • स्तनों में सूजन या दर्द (Mastitis) — यह संक्रमण का संकेत हो सकता है, जिसके लिए तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

🩺 डॉ. कुमारी शिल्पा की सलाह

  1. भावनात्मक संतुलन बनाए रखें
    नई माताओं के लिए यह समय भावनात्मक रूप से भी संवेदनशील होता है। परिवार का सहयोग लें और अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
  2. बच्चे को केवल मां का दूध दें (पहले छह महीने तक)
    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जन्म के बाद पहले छह महीने तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध देना चाहिए — बिना पानी, शहद या अन्य खाद्य पदार्थों के।
  3. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें
    स्तनपान से पहले और बाद में हाथ धोएँ और स्तनों को सूखा रखें।

📍 दरभंगा में स्तनपान से जुड़ी सलाह कहाँ लें?

मातृका हेरिटेज हॉस्पिटल, दरभंगा में डॉ. कुमारी शिल्पा, एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ, नई माताओं को स्तनपान की सही तकनीक, पोषण संबंधी निर्देश और मां-बच्चे की देखभाल में विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।

📞 अपॉइंटमेंट के लिए संपर्क करें:
📱 +91 92791 37033
📍 तारा होटल वाली गली, अयाची नगर, बेंता, दरभंगा

💬 निष्कर्ष
स्तनपान केवल भोजन नहीं, बल्कि मां और बच्चे के बीच एक गहरा भावनात्मक संबंध है। यह बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और मां के स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है। इसलिए हर नई मां को स्तनपान के महत्व को समझना और सही जानकारी के साथ इसे आत्मविश्वास से अपनाना चाहिए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top