सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) दुनिया भर में महिलाओं में चौथा सबसे आम कैंसर है और महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का तीसरा प्रमुख कारण माना जाता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि यह उन कैंसरों में से एक है जिसे सही समय पर पहचानकर, नियमित स्क्रीनिंग करवाकर और रोकथाम के उपाय अपनाकर काफी हद तक रोका और सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है।
इस ब्लॉग में हम सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती पहचान, जरूरी जांचों और प्रभावी रोकथाम के तरीकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती पहचान क्यों ज़रूरी है?
सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती चरण में अक्सर कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते। यही वजह है कि अधिकतर महिलाएँ तब डॉक्टर के पास पहुँचती हैं जब बीमारी आगे बढ़ चुकी होती है।
यदि नियमित जांच के दौरान गर्भाशय ग्रीवा (cervix) की कोशिकाओं में होने वाले शुरुआती बदलावों का पता चल जाए तो समय रहते इलाज शुरू किया जा सकता है और कैंसर बनने या फैलने से रोका जा सकता है। यही कारण है कि विशेषज्ञ महिलाओ को नियमित रूप से स्क्रीनिंग कराने की सलाह देते हैं।
Pap Test (पैप स्मियर) — सबसे सामान्य और प्रभावी स्क्रीनिंग टेस्ट
सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला परीक्षण Pap Test या Pap Smear है।
इस टेस्ट में गर्भाशय ग्रीवा की कुछ कोशिकाएँ लेकर माइक्रोस्कोप के माध्यम से जाँच की जाती है ताकि किसी भी प्रकार की असामान्यता का पता लगाया जा सके।
कौन और कब Pap Test करवाए?
21 से 29 वर्ष की महिलाएँ — हर 3 साल में एक बार
30 से 65 वर्ष की महिलाएँ — हर 5 साल में Pap Test + HPV Test (को-टेस्टिंग)
यदि किसी महिला की रिपोर्ट लगातार सामान्य आती है, तो डॉक्टर की सलाह अनुसार जांच का अंतराल बढ़ाया जा सकता है।
HPV Test — वायरस की पहचान जो कैंसर का कारण बन सकता है
HPV यानी Human Papillomavirus एक आम यौन संक्रमण है और सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण भी।
HPV Test उन खतरनाक प्रकार के HPV की पहचान करता है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में कैंसर जैसी गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं।
HPV Test कब कराएँ?
आमतौर पर 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को Pap Test के साथ कराया जाता है।
यदि रिपोर्ट सामान्य आती है, तो अगली स्क्रीनिंग 5 साल बाद कराई जा सकती है।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के उपाय
सिर्फ स्क्रीनिंग ही नहीं, बल्कि कुछ महत्वपूर्ण जीवनशैली और स्वास्थ्य उपाय अपनाकर भी इस बीमारी से बचा जा सकता है।
1. HPV वैक्सीन — सबसे प्रभावी रोकथाम
HPV वैक्सीन उन प्रमुख HPV स्ट्रेन्स से सुरक्षा देती है जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बनते हैं।
डॉक्टर 11–12 वर्ष के बच्चों (लड़के और लड़कियाँ दोनों) को यह टीका लगवाने की सलाह देते हैं।
युवाओं और वयस्कों में भी यह वैक्सीन काफी प्रभावी होती है, इसलिए 26 वर्ष तक इसे लेना बेहद लाभदायक है।
2. सुरक्षित यौन संबंध (Safe Sex Practices)
चूंकि HPV मुख्य रूप से यौन संबंधों के माध्यम से फैलता है, इसलिए:
कंडोम का नियमित उपयोग करें
अनावश्यक या कई यौन साझेदारों से बचें
स्वच्छता और जागरूकता बनाए रखें
इन उपायों से HPV संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है।
3. धूम्रपान से दूरी बनाएँ
धूम्रपान प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है, जिससे शरीर HPV संक्रमण से लड़ने में असमर्थ हो जाता है।
जो महिलाएँ धूम्रपान करती हैं, उनमें सर्वाइकल कैंसर का जोखिम 2–3 गुना अधिक पाया गया है।
इसलिए धूम्रपान छोड़ना स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है।
निष्कर्ष
सर्वाइकल कैंसर एक ऐसा रोग है जिसे सही समय पर पहचानकर और रोकथाम के तरीकों को अपनाकर काफी हद तक रोका जा सकता है।
नियमित Pap Test और HPV Test
HPV वैक्सीन
सुरक्षित यौन व्यवहार
धूम्रपान से दूरी
ये सभी उपाय महिलाओं के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
याद रखें — “समय पर जांच, जीवन की सुरक्षा।”
स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना हर महिला की प्राथमिकता होनी चाहिए।
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