हर नई माँ को जाननी चाहिए पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़
डॉ. कुमारी शिल्पा द्वारा सुझावित, मातृका हेरिटेज हॉस्पिटल, दरभंगा
प्रसव के बाद महिला का शरीर कई तरह के बदलावों से गुजरता है। गर्भावस्था के दौरान बढ़ते भ्रूण का दबाव और डिलीवरी की प्रक्रिया के कारण पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों (Pelvic Floor Muscles) पर ज़्यादा असर पड़ता है। ये मांसपेशियां मूत्राशय, गर्भाशय और मलाशय को सहारा देती हैं। यदि इन मांसपेशियों को मज़बूत न किया जाए, तो पेशाब रोकने में समस्या, पीठ दर्द, और यहां तक कि प्रोलैप्स जैसी जटिलताएँ हो सकती हैं।
🩺 पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़ क्या होती हैं?
पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़, जिन्हें “केगल एक्सरसाइज़” (Kegel Exercises) भी कहा जाता है, वे अभ्यास हैं जो मूत्राशय और प्रजनन अंगों को सहारा देने वाली गहरी मांसपेशियों को मज़बूत बनाते हैं। इन्हें नियमित रूप से करने से महिलाओं को प्रसव के बाद रिकवरी में बहुत मदद मिलती है।
⚖️ नई माताओं के लिए यह क्यों ज़रूरी है?
- प्रसव के बाद नियंत्रण बनाए रखने में मदद
डिलीवरी के बाद कई महिलाओं को छींकने, हंसने या दौड़ते समय पेशाब टपकने की समस्या रहती है। पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़ इस समस्या को घटाने में बेहद प्रभावी होती हैं। - गर्भाशय को मज़बूती मिलती है
ये मांसपेशियाँ गर्भाशय को सही स्थिति में बनाए रखती हैं, जिससे प्रोलैप्स का खतरा कम होता है। - सेक्सुअल हेल्थ में सुधार
पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियाँ मज़बूत होने से संवेदनशीलता और समग्र यौन संतुलन में सुधार होता है। - पीठ और पेट के दर्द से राहत
ये एक्सरसाइज़ कोर (core) मांसपेशियों को स्थिर बनाती हैं, जिससे कमर और पेट की तकलीफ़ें धीरे-धीरे कम होती हैं।
🏋️♀️ पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़ कैसे करें (डॉ. कुमारी शिल्पा की सलाह)
- सही मांसपेशी पहचानें
पेशाब करते समय पेशाब रोकने की कोशिश करें। जिस मांसपेशी से आप यह कर पाती हैं, वही आपकी पेल्विक फ्लोर मांसपेशी है। इसे पहचानना पहला कदम है। - केगल एक्सरसाइज़ शुरू करें
- आराम से लेटें या बैठें।
- पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को 5 सेकंड तक कसें, फिर ढीला छोड़ें।
- इस प्रक्रिया को 10 बार दोहराएं।
- दिन में कम से कम 2 से 3 बार करें।
- धीरे-धीरे समय बढ़ाएं
जैसे-जैसे नियंत्रण बढ़े, मांसपेशियों को 10 सेकंड तक कसकर रखना सीखें। लेकिन ध्यान रखें कि सांस सामान्य रूप से चलती रहे, पेट या जांघों को कसने की कोशिश न करें। - नियमितता बनाए रखें
निरंतर अभ्यास से ही परिणाम मिलते हैं। चाहे आप खाना बना रही हों, टीवी देख रही हों या बेबी को फीड करा रही हों — इन एक्सरसाइज़ को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
🚨 क्या पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़ सभी के लिए सुरक्षित है?
हाँ, लेकिन अगर आपको प्रसव के बाद दर्द, संक्रमण या सर्जरी हुई है, तो पहले डॉक्टर से परामर्श लें। कुछ महिलाओं को शुरुआत में हल्की असहजता महसूस हो सकती है, जो कुछ समय बाद सामान्य हो जाती है।
🍎 एक्सरसाइज़ के साथ संतुलित आहार भी ज़रूरी
पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए प्रोटीन, नींबू, फल, दूध, दही, और फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें। इससे शरीर की रिकवरी तेजी से होती है और कब्ज जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है।
🧘♀️ अन्य सहायक सुझाव
- अत्यधिक वज़न न उठाएं।
- कब्ज या जोर लगाकर मल त्याग से बचें।
- सही मुद्रा में बैठना और खड़े रहना अपनाएँ।
- पर्याप्त पानी पीएं और नींद लें।
📍 दरभंगा में नई माताओं के पुनर्वास के लिए कहाँ जाएं?
मातृका हेरिटेज हॉस्पिटल, दरभंगा में डॉ. कुमारी शिल्पा, एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ, नई माताओं के लिए व्यक्तिगत पेल्विक फ्लोर प्रशिक्षण और रिकवरी कार्यक्रम संचालित करती हैं। अस्पताल में पोस्टनेटल चेकअप, व्यायाम मार्गदर्शन और पोषण परामर्श जैसी सेवाएँ उपलब्ध हैं।
📞 अपॉइंटमेंट के लिए संपर्क करें:
📱 +91 92791 37033
📍 तारा होटल वाली गली, अयाची नगर, बेंता, दरभंगा
💬 निष्कर्ष
प्रसव के बाद शरीर को पुनः स्वस्थ बनाने में पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़ का बड़ा योगदान है। ये छोटी लेकिन प्रभावी एक्सरसाइज़ मूत्राशय नियंत्रण, गर्भाशय सुरक्षा और आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक हैं। हर नई माँ को अपनी दिनचर्या में इन्हें शामिल करना चाहिए ताकि वह न केवल स्वस्थ रहे, बल्कि मातृत्व का अनुभव पूरी ऊर्जा और सहजता से कर सके।
